राजनीती

मैं मुख्यमंत्री की रेस से बाहर: एकनाथ शिंदे  

मुंबई । मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव से पहले ही खुद को सीमए की रेस से बाहर कर लिया है।  रविवार को शिंदे ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं हूं। महाराष्ट्र में महायुति की सरकार ही बनेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक हैं तो सेफ हैं नारे को लेकर शिंदे ने कहा कि यह नारा बिल्कुल सही है। अजित पवार के बारे में शिंदे ने कहा कि वह महायुति गठबंधन में कमजोर कड़ी नहीं साबित होंगे। एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान शिंदे ने राहुल गांधी को चुनौती दी है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा में राहुल गांधी को चैलेंज करते हुए कहा था कि वह बाला साहेब ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट बोलकर दिखाएं। इसी बात को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी दोहराया और कहा कि राहुल गांधी बाला साहब ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट बोलकर दिखाएं। शिंदे ने कहा कि हम बाला साहेब ठाकरे के सिपाही हैं। एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी खुद को मुख्यमंत्री की रेस से बाहर बताया था। 

उद्धव ने बालासाहेब के विचारों को छोड़ दिया
इस दौरान शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति फूट डालो राज करो की है। बालासाहेब ठाकरे कहते थे कि मैं अपनी पार्टी को कभी भी कांग्रेस नहीं बनने दूंगा, लेकिन उद्धव ठाकरे खुद के स्वार्थ और मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने कहा कि अगर बाला साहेब होते तो उद्धव को कहते कि जंगल में जाकर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी करो। उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब के विचारों को छोड़ दिया। शिवसेना का धनुष बाण कांग्रेस के गले में बांध दिया। जिस कांग्रेस ने बालासाहेब को बदनाम किया, उनके साथ ही जाकर मिल गए। उद्धव ठाकरे को लगा था बिना हमारे सरकार नहीं बनेगी। उद्धव ठाकरे ने भाजपा की पीठ में छूरा घोंपना था। हमने साफ कहा कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है और जीता है तो उनके साथ सरकार भी बनानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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