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सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में OPD सेवाएं ठप, हड़ताल का असर मरीजों पर

कोलकाता में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या का विरोध कर रहे डॉक्टरों पर हमले को सीनियर-जूनियर डॉक्टरों ने गंभीरता से लिया है।

अब झारखंड आईएमए, रिम्स जेडीए, झासा, आईएमए की महिला विंग, आरडीए सीआईपी, एचएचपीआई, आईएपी, आईडीए, आईएपी, झारखंड पारा चिकित्सक संघ सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों समेत निजी अस्पतालों ने शनिवार से अगले 24 घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं ठप करने का एलान किया है।

सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहेंगी। सभी नियमित सर्जरी भी बंद कर दी गई हैं। आईएमए के बंद का स्वास्थ्य से जुड़ीं दर्जनों संस्थाओं ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है।

वे महिला डॉक्टर के साथ क्रूरता करने वाले आरोपितों को फांसी की सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेजों में पहले से ही जूनियर डाॅक्टर का कार्य बहिष्कार चल रहा है। ओपीडी से लेकर सर्जरी ठप कर दी गई है।

जूनियर डॉक्टर विरोध करते हुए।

पहली बार बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी ठप कर रहे चिकित्सीय सेवा

आईएमए झारखंड के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि इस बार पूरी तरह से स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहेंगी। राज्य के 17 हजार से अधिक डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे।

साथ ही पारा मेडिकल स्टाफ से लेकर एएनएम, जीएनएम नर्स सहित फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन के साथी मिलाकर करीब 25 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर रहेंगे।

हड़ताल में डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ा अहम मुद्दा होगा, जिसमें यहां की राज्य सरकार को भी आगे आना होगा। अभी तक सरकार द्वारा यहां के डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कोई सुविधा नहीं दी गई है।

शुक्रवार को हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज में एक सीनियर डॉक्टर को राउंड लेते समय एक मरीज के स्वजन ने पीट दिया। सुरक्षा को लेकर सवाल फिर उठने लगे हैं। सरकार को यहां जल्द मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना होगा।

इमरजेंसी सेवा दुरुस्त रखने का प्रयास किया गया है। यहां उपलब्ध डॉक्टर ही सभी तरह के मरीजों को देख सकेंगे। वहीं, प्रखंडों के सीएचसी में भी इमरजेंसी सेवा बहाल रहेंगी, हालांकि वहां डॉक्टरों की कमी पहले से ही समस्या बनी हुई है। प्रयास किया जा रहा है कि मरीजों को अधिक परेशानी न हो। -डॉ. प्रभात कुमार, सिविल सर्जन, रांची।
 

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