मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश को लेकर उद्धव ठाकरे ने उठाया सवाल
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को आरोप लगाया कि मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर) को विकसित करने का नीति आयोग का खाका बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के महत्व को कम कर मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की एक चाल है। यह एक बड़ी सजिश है।
डब्ल्यूईएफ और MMRDA में करार रद करेंगेः उद्धव
उद्धव ने कहा कि सत्ता में आने पर महाविकास आघाड़ी (एमवीए) वर्ल्ड इकोनामिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के बीच हुए समझौता ज्ञापन को रद कर देगी।
मुंबई को अलग करने की साजिश
मुंबई के बीकेसी मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि यदि एमएमआरडीए बीएमसी के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करता है तो वह उसे भंग करने में संकोच नहीं करेंगे। मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश हमारे लिए एक गंभीर संकट है। हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे।
उद्धव ने कहा कि एमएमआरडीए और डब्ल्यूईएफ ने मुंबई महानगरीय क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए सितंबर में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस पर नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि नीति आयोग का खाका बीएमसी के महत्व को कम करता है। यह मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की एक चाल है। ठाकरे ने कहा कि एमवीए सरकार का पहला निर्णय महायुति सरकार की नीतियों को खत्म करना होगा।
उद्धव ठाकरे ने 'एक हैं तो सेफ हैं' नारे को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा। कहा कि यदि मोदी के सत्ता में रहते हुए लोग असुरक्षित महसूस करते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। ठाकरे ने अनुच्छेद-370 को निरस्त करने और बाल ठाकरे द्वारा कश्मीरी पंडितों को आश्रय देने के लिए शिवसेना के समर्थन को याद किया। कहा कि अमित शाह और नरेन्द्र मोदी को उस समय दुनिया नहीं जानती थी।