राजनीती

लोकसभा में सरकार ने 2012 की रिपोर्ट का हवाला देकर खारिज की मांग

बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा

पटना । विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर नीतीश सरकार को केंद्र से करारा झटका लगा है। केंद्र ने साफ किया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता। जदयू सांसद रामप्रीत मंडल के सवाल पर केंद्र की तरफ से सोमवार को संसद में जवाब दिया गया। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने जवाब में कहा कि विशेष राज्य का दर्जे के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद की तरफ से कुछ जरूरी पैमाने तय किए गए हैं। इसके तहत पहाड़, दुर्गम क्षेत्र, कम जनसंख्या, आदिवासी इलाका, अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर, प्रति व्यक्ति आय और कम राजस्व के आधार पर ही राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिया जा सकता है।

मंत्रियों के ग्रुप का भी गठन किया 


बिहार की मांग के बाद केंद्र की यूपीए सरकार ने 2012 में इसके अध्ययन के लिए मंत्रियों के ग्रुप का भी गठन किया था। इसकी रिपोर्ट में कहा गया था कि राष्ट्रीय विकास परिषद के क्राइटेरिया के तहत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे पाना संभव नहीं है। इसी को आधार बनाकर केंद्र ने एक बार फिर से बिहार सरकार की इस मांग को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि बीते कुछ सालों से बिहार को स्पेशल स्टेट का दर्जा देने की मांग लगातार उठती रही है। बिहार में एक बार फिर यह मांग जोर पकड़ रही है।

दूसरे राज्यों से भी उठ रही मांग

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 275 के मुताबिक, किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रावधान है। इस समय देश में कुल 29 राज्य और 7 केंद्रशासित प्रदेश हैं। इनमें से 11 राज्य ऐसे हैं जिन्हें विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है। वहीं, अब भी बिहार, आंध्रप्रदेश, ओडिशा समेत पांच राज्य ऐसे हैं जो स्पेशल स्टेट का दर्जा दिए जाने की मांग लगातार कर रहे हैं। विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए पांच पैमाने तय किए गए हैं। इनमें राज्य में पहाड़ी इलाके और दुर्गम क्षेत्र ज्यादा हों। कम आबादी वाले राज्य या जनजातीय समुदाय का ज्यादा होना। इंटरनेशनल बार्डर वाले राज्य, इसकी सरहदें पड़ोसी देशों से लगती हों। आर्थिक और आधारभूत संरचना में पिछड़े राज्य। राज्य के पास इनकम का बड़ा स्रोत ना होना।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button