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दिल्ली से अपहरण की गई 15 वर्षीय लड़की अररिया में मिली, पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई

अलीपुर थाना पुलिस ने एक किशोरी के अपहरण मामले में एक आरोपित को बिहार के अररिया जिला से गिरफ्तार किया है। किशोरी को भी पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है। पुलिस ने आरोपित पर अपहरण का मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस मामले में पुलिस आगे की जांच कर रही है।

जानकारी के मुताबिक बीते 12 मई की सुबह करीब सात बजे किशोरी किसी काम से घर से बाहर गई थी, लेकिन वह घर वापस नहीं लौटी। स्वजन ने किशोरी को काफी ढ़ूंढा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। 16 मई को किशोरी के पिता अलीपुर थाना पहुंचकर अपनी बेटी के अपहरण के संबंध में जानकारी दी।

परिवार ने जताया था युवक पर शक

पीड़ित परिवार ने पुलिस को बताया उन्हें एक युवक पर अपहरण करने का शक है। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ आईपीसी की धारा-363 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। आरोपित का पता लगाने के लिए कई टीमें गठित की गई। टीम ने कई जगहों पर छापेमारी भी की।

इस दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपित बिहार में किशोरी के साथ है। जिसके बाद अलीपुर थाना पुलिस और क्राइम स्टाफ 16 अक्टूबर को बिहार के अररिया जिला में आरोपित के घर छापेमारी कर लापता किशोरी को सकुशल बरामद कर लिया। वहीं, आरोपित को भी पुलिस ने दबोच लिया।

नेपाल की सीमा से अलीपुर से अगवा किशोरी बरामद

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नेपाल सीमा के पास से अलीपुर थाना क्षेत्र से अगवा 15 साल की किशोरी को बरामद कर उसे बहला फुसला कर अपहरण करने युवक को भी गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को कुर्शाकांटा से दबोचा गया। क्राइम ब्रांच की टीम ने बिहार के कटिहार और अररिया के विभिन्न स्थानों पर दो दिनों तक छापेमारी की। जिसके बाद उन्हें सफलता मिली।

20 हजार रुपये के इनाम का किया था एलान

दोनों को दिल्ली ले लाया गया है और उसके बाद आगे की कार्रवाई लिए स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया। पीड़िता का पता लगाने वाले को दिल्ली पुलिस ने 20 हजार रुपये की घोषणा देने की घोषणा की थी। डीसीपी विक्रम सिंह के मुताबिक किशोरी के स्वजन ने 12 मई को अलीपुर थाने में इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

कुछ दिनों तक कोई अपा पता नहीं लगने पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर लिया था। घटना चिंता का विषय थी, क्योंकि पीड़ित और संदिग्ध अलग-अलग समुदाय से हैं। दिल्ली पुलिस ने नोडल एजेंसी होने के नाते इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की। टीम ने 10 दिनों तक बिहार के कुर्शाकांटा जिले से पीड़ित का पता लगाने में जुटी रही। अंतत: अररिया से पुलिस टीम ने युवती को बरामद कर युवक को भी दबोच लिया।

6 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद दबोचा

दोनों को करीब छह किलोमीटर तक पीछा करने के बाद नेपाल की सीमा में प्रवेश करने से पहले पकड़ लिया गया। पूछताछ से पता चला कि युवक का दिल्ली में पीड़िता ने घर आना जाना था।

12 मई को पीड़िता योजना अनुसार घर छोड़कर युवक दोस्त के साथ नेपाल सीमा पर पहुंच गई थी और लगभग चार महीने तक वहीं रही। गायब होने के बाद से उनके द्वारा किसी भी फोन का इस्तेमाल नहीं किया गया। दोनों ने मौके से भागकर पुलिस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया।

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