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भारत में ब्रॉडबैंड और 5जी नेटवर्क का हो रहा विस्तार, निकलेंगी एक लाख नौकरियां 

नई दिल्ली। टीमलीज सर्विसेज के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर ने कहा कि भारत में ब्रॉडबैंड और 5जी नेटवर्क के तेज़ी से विस्तार के कारण अगले पांच सालों में फाइबर इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस और रिपेयर सेक्टर में करीब एक लाख नई नौकरियां निकलेंगी। भारत का टेलीकॉम बाजार 2024 में 48.61 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होने का अनुमान है और यह 2029 तक बढ़कर 76.16 बिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है, जो हर साल 9.40 फीसदी की दर से बढ़ेगा। 2023 तक देश में करीब 7,00,000 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाए गए हैं, जिससे डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार में अहम योगदान मिला है।उन्होंने बताया कि भारत में ब्रॉडबैंड और 5जी नेटवर्क के तेजी से विस्तार के कारण फाइबर ऑप्टिक तकनीशियनों की मांग में वृद्धि हुई है। जैसे-जैसे सरकार और टेलीकॉम ऑपरेटर फाइबर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर ध्यान देंगे, इस क्षेत्र में रोजगार की मांग भी बढ़ेगी। भारत में टेलीकॉम टावरों का फाइबराइजेशन बढ़ने से करीब एक लाख नई नौकरी पैदा होने की संभावना है। वर्तमान में भारत में पांच लाख से ज्यादा फाइबर तकनीशियनों का अनुमान है, जो 4जी, 5जी और ब्रॉडबैंड योजनाओं को सपोर्ट करने के लिए तेजी से बढ़ते फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क के विस्तार में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि 2030 तक 5जी तकनीक अपने चरम पर पहुंचेगी, जिससे तेज़ इंटरनेट स्पीड, कम लेटेंसी और बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। फाइबर तकनीशियनों की भर्ती हो रही है, विशेषकर शहरी और ग्रामीण इलाकों में। हालांकि, फाइबर तकनीशियनों की टर्नओवर दर काफी ज्यादा है, जो सालाना 35-40 फीसदी तक पहुंचती है। इसके कारणों में लंबी कार्य घंटों के कारण थकावट, वेतन वृद्धि की कमी, और कंपनियों के बीच कर्मचारियों की पोलिंग शामिल हैं। भारत में डिजिटल और टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के साथ फाइबर तकनीशियनों के लिए नौकरी के अवसरों में इज़ाफा होगा। हालांकि, उच्च टर्नओवर और वेतन वृद्धि की समस्या के कारण कर्मचारियों को बनाए रखना एक चुनौती बन सकता है।

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