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बिहार में बढ़े प्रदूषण से हालात खराब, शेखपुरा में AQI ने तोड़ा रिकॉर्ड

बिहार में भी प्रदूषण से चिंताजनक हालात बने हुए हैं। बिहार में लगातार दूसरे दिन सबसे खराब स्थिति शेखपुरा की है। वेटेनरी कालेज के आसपास के निर्माण कार्य के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। वहां पर प्रदूषण 354 AQI रिकार्ड किया गया।

शेखपुरा में AQI गंभीर श्रेणी में
बता दें कि बीते सोमवार को शेखपुरा का AQI 401 तक पहुंच गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है। इसके साथ ही कई इलाकों का AQI 300 पार दर्ज किया गया। अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। बता दें कि ठंड की दस्तक के साथ कुहासे ने वातावरण को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया है। धुंध दृ​​ष्टि बाधा के साथ -साथ प्रदूषण का भी बड़ा कारण है। विज्ञानियों ने इसे लेकर चेतावनी भी जारी की है। इसका सीधा असर वाहनों के परिचालन पर भी पड़ने लगा है। बसों और अन्य वाहनों को उच्च पथों पर बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है। मीठापुर इलाके से घने धुंध के बीच गुजरती ट्रेन।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उठाए ठोस कदम
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष का कहना है कि वातावरण में बढ़ रही ठंड एवं धूलकण के मिश्रण से वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है। ऐसे में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से जिला प्रशासन एवं नगर निगम को वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।

इसके अलावा बोर्ड की ओर से भी जांच टीम विभिन्न स्थलों की जांच कर कार्रवाई कर रही है। अभी हाल में राजधानी के दो निर्माण एजेंसियों पर दस लाख से अधिक रुपये का जुर्माना लगाया गया है। प्रदूषण बोर्ड के निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करने वाले एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है

शिशु रोग विशेषज्ञों की चेतावनी
इस बीच, शिशु रोग विभाग के डॉक्टरों की सलाह है कि वातावरण में वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर होने पर बच्चों में सर्दी-खांसी एवं एलर्जी की समस्या काफी गंभीर हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को प्रदूषण वाले इलाके में न ले जाएं। अगर उस इलाके में जाना अनिवार्य हो तो बच्चों को कम से कम समय रखें। इसके अलावा, बच्चों में सर्दी-जुकाम की समस्या ज्यादा होने पर चिकित्सकों की सलाह लें।

देश की राजधानी दिल्ली की हालत लगातार चिंताजनक होती जा रही है। यहां जहांगीरपुरी का AQI 1000 पार पहुंच गया। वहीं विजिबिलिटी कम होने से सड़कों पर वाहनों को लाइट जलाकर ही चलना पड़ रहा है।

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