राज्य

वॉट्सऐप चैट देख दिल्ली की अदालत ने बलात्कार के आरोपी को किया बरी

नई दिल्ली । दिल्ली की एक अदालत ने वॉट्सऐप चैट को आधार बनाकर बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप उन दोनों के बीच व्हाट्सएप चैट के रूप में वैज्ञानिक साक्ष्य के प्रकाश में टिक नहीं सकते। महिला और आरोपी को उनके रिश्तेदारों द्वारा शादी के प्रस्ताव के माध्यम से मिलवाया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पवन कुमार ने 14 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा कि एफआईआर दर्ज कराने में लगभग पांच महीने की देरी हुई थी। उन्होंने महिला के इस स्पष्टीकरण को भी खारिज कर दिया कि उसे आरोपी से शादी करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला अच्छी पढ़ी-लिखी और परिपक्व है। इसलिए यह नामुमकिन है कि वह आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बजाय उससे शादी करने का फैसला ले ले। न्यायाधीश पवन कुमार ने आगे कहा कि चैट से यह स्पष्ट था कि आरोपी ने पहले ही शिकायतकर्ता से शादी करने से इनकार कर दिया था। साथ ही यहां तक कि महिला का परिवार भी उसके लिए अच्छे रिश्ते की तलाश कर रहा था। न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी इस तथ्य से और भी जटिल हो जाती है कि एफआईआर तब दर्ज कराई गई जब आरोपी ने महिला को बातचीत के सभी चैनलों पर ब्लॉक कर दिया था। अदालत ने आरोपी के वकीलों शशांक दीवान और निकिता दीवान की दलीलों पर गौर किया कि घटना से पहले और बाद में हुई वॉट्सऐप चैट अभियोजन पक्ष के मामले को पूरी तरह से झूठा साबित करती है। न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष के सभी साक्ष्यों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने और पढ़ने के बाद अदालत का विचार है कि महिला द्वारा अपने बयानों में लगाए गए मौखिक आरोप, आरोपी और उसके बीच वॉट्सऐप चैट के रूप में मौजूद पुख्ता वैज्ञानिक साक्ष्य के प्रकाश में टिक नहीं सकते।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button