हुंडई की लिस्टिंग के दूसरे दिन शेयरों में तूफानी तेजी, निवेशकों की खुशी का ठिकाना नहीं
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) के आईपीओ की शेयर मार्केट में लिस्टिंग काफी फीकी रही थी। लेकिन, इसमें दूसरे दिन जबरदस्त उछाल देखने को मिला। यह दिन में कारोबार के दौरान एनएसई पर 6 फीसदी बढ़कर 1,928.90 रुपये पर पहुंच गया था। हालांकि, इसके आईपीओ ने निवेशकों को काफी निराश किया था।
सात फीसदी टूटा था शेयर
दक्षिण कोरियाई ऑटो मेकर हुंडई की भारतीय यूनिट मंगलवार (22 अक्टूबर) को शेयर मार्केट में लिस्ट हुई थी। इसका आईपीओ 1,960 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आया था, लेकिन यह पहले दिन 7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ। यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ था। इसने एलआईसी के 21,000 करोड़ रुपये के इश्यू को पीछे छोड़ा। हालांकि, यह भी ज्यादातर बड़े आईपीओ की तरह निवेशकों को मुनाफा देने में नाकाम रही।
महंगा था हुंडई का प्राइस बैंड?
हुंडई के आईपीओ को निवेशकों की काफी ठंडी प्रतिक्रिया मिली। 27,870 करोड़ रुपये की आरंभिक शेयर बिक्री का मूल्य बैंड 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर था। शेयर बाजार के जानकारों का मानना था कि प्राइस बैंड काफी ज्यादा है और इसमें निवेशकों के लिए निकट अवधि में ज्यादा पैसे बनाने की गुंजाइश नहीं है।
साथ ही, हुंडई के आईपीओ का GMP भी काफी गिर गया था। एक वक्त तो यह नेगेटिव में चला गया था। लेकिन, बाद में रिकवर करके हरे निशान में आया। इससे भी देश के सबसे बड़े आईपीओ को लेकर निवेशकों का उत्साह फीका पड़ गया।
OFS से भी उत्साह हुआ मंदा
हुंडई का आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल था। इसका मतलब कि इस आईपीओ से सारा पैसा हुंडई की प्रमोटर कंपनी को मिला और इसे भारत में हुंडई के कारोबार को बढ़ाने पर नहीं खर्च किया जाएगा। इससे भी निवेशकों का उत्साह मंदा हुआ। इसमें आईपीओ में प्रमोटर हुंडई मोटर कंपनी (एचएमसी) ने 14,21,94,700 इक्विटी शेयरों की बिक्री की, जिसमें कोई नया इश्यू शामिल नहीं था।
लंबे इंतजार के बाद आया IPO
हुंडई दो दशक में आईपीओ लाने वाली पहली कार निर्माता है। इससे पहले जापानी ऑटो मेकर मारुति सुजुकी 2003 में अपना आईपीओ लाई थी। हुंडई ने में भारत में अपना कारोबार शुरू किया। यह फिलहाल अलग-अलग सेगमेंट में में 13 मॉडल बेचती है। यह मारुति सुजुकी के बाद देश में सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनी है।