यूक्रेन पर शासन करने वाले एलियंस, लोगों की पीड़ा की परवाह नहीं
व्लादिवोस्तोक। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के नेता एलियंस जैसे लगते हैं, जो लोगों की पीड़ा की परवाह किए बिना क्रूर फैसला लेते हैं। उन्होंने भारत जैसे मित्र दोस्तों और साझेदारों की प्रशंसा की, जो संघर्ष को हल करना चाहते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) के पूर्ण अधिवेशन में पुतिन ने कहा कि मुझे लगता है कि यूक्रेन पर शासन करने वाले लोग एलियंस की तरह हैं। वे नहीं सोचते, उनका नुकसान बहुत बड़ा है। मैं यह भी नहीं समझ सकता कि वे आगे क्या करेंगे। पुतिन ने याद दिलाया कि संघर्ष की शुरुआत के बाद इस्तांबुल बातचीत के दौरान उनका देश और यूक्रेन एक शांति समझौते पर पहुंच गए थे। उन्होंने पश्चिमी शक्तियों पर इन प्रयासों को पटरी से उतारने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में यूक्रेन के व्यवहार पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि कीव एकमात्र विकल्प सेना में भर्ती की अधिकतम आयु को एक बार फिर से कम करना है और इससे उन्हें बच्चों को भर्ती करने की अनुमति मिलेगी, जैसा कि जर्मन नाज़ियों ने हिटलर यूथ के साथ किया था। यह बात उन्होंने इस संदर्भ में कही कि कैसे हिटलर के शासन ने द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम चरण में किशोरों को अस्थायी मिलिशिया में शामिल होने के लिए मजबूर किया था, जब मित्र राष्ट्र जर्मन क्षेत्र में आगे बढ़ रहे थे।
पुतिन ने कहा कि इससे समस्या हल नहीं होगी। यूक्रेन का अगला कदम छात्रों को सेना में भर्ती करना होगा, लेकिन इससे यूक्रेन बर्बादी की तरफ बढ़ेगा। वे वास्तव में देश के बारे में नहीं सोचते। वे इसे राष्ट्रवादी नारों से ढक देते हैं और लोगों को धोखा देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में घुसपैठ के बाद से यूक्रेनी सेना को हुई भारी क्षति के कारण उसकी सशस्त्र सेनाएं बेकार हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले महीने सीमा पार बड़े पैमाने पर हमला करके रूसी प्रगति को बाधित करने का यूक्रेनी प्रयास विफल रहा है।
पुतिन ने कहा कि रूसी सेना डोनबास में आगे बढ़ रही हैं। यह मॉस्को की प्राथमिकता है। इस बीच यूक्रेनी सेना को बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हताहतों की संख्या के कारण पूरे यूक्रेन के सशस्त्र बलों की युद्ध क्षमता में कमी आ सकती है। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक कुर्स्क में यूक्रेन के 9,700 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, साथ ही 81 टैंक, दर्जनों अन्य बख्तरबंद वाहन और भारी हथियार भी नष्ट हुए हैं।