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मानसून सत्र का पहला दिन समाप्त, 29 जुलाई तक स्थगित हुई विधानसभा

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में पहले दिन की कार्यवाही समाप्त हो चुकी है और आने वाली 29 जुलाई 11 बजे पूर्वाह्न के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।

बता दें कि ये हेमंत सोरेन के कार्यकाल का ये अंतिम सत्र है। वहीं आने वाली 29 जुलाई को झारखंड का अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। सत्र शुरू होने से पहले भाजपा के विधायकों ने कई मुद्दों को लेकर सदन के बाहर प्रदर्शन किया।

गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक

सत्र के सफल संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक की। इस दौरान विधायक दल के नेता मौजूद थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्यमंत्री रामेश्वर उरांव, माले विधायक विनोद सिंह, आजसू विधायक लंबोदर महतो बैठक में शामिल हुए। भाजपा की तरफ से विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी इस बैठक उपस्थित नहीं हो सके।

सत्र के दौरान पक्ष-विपक्ष के बीच टकराव के आसार

भाजपा विधायक सीपी सिंह बैठक में आए थे। विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा की तरफ से सीपी सिंह के बैठक का हिस्सा होने और नहीं होने के सवाल पर स्पष्ट नहीं कहा। उन्होंने सत्तापक्ष और विपक्ष को मानसून सत्र को उपयोगी बनाने की सलाह दी।

हालांकि सत्र के दौरान सत्तापक्ष-विपक्ष में टकराव के आसार है। विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे मानसून सत्र में विपक्ष सदन के अंदर सत्तापक्ष को घेरने की पूरी कोशिश करेगा। सत्तापक्ष ने भी आक्रामक रवैया अख्तियार करने का निर्णय किया है। सर्वदलीय बैठक के दौरान स्पीकर ने सुझाव मांगे।

बजट के बाद यथावत होंगे कार्यक्रम

बैठक में वित्तीय वर्ष-2024-25 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी के उपस्थापन के बाद विस्थापन, सुखाड़ जैसे समसामयिक विषयों पर चर्चा किये जाने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया।

सर्वसम्मति से यह भी निर्णय हुआ कि अनुपूरक बजट पेश किए जाने के बाद के कार्यक्रम यथावत रहेंगे। कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में चर्चा के विषय पर अंतिम रूप से निर्णय लिया जाएगा।

इस दौरान विस्थापन और सुखाड़ पर चर्चा कराने संबंधित निर्णय लिया सकता है। छह कार्य दिवस वाले इस मानसून सत्र में कई मुद्दों पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने होगा। अध्यक्ष ने भी सभी से सकारात्मक सहयोग मांगा।

जनता की समस्या का समाधान पक्ष-विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी

उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी अहम होती है। जनता की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। अंतिम व्यक्ति तक व्यवस्था पहुंचाई जा सके और इसमें सदस्यों का योगदान होना चाहिए। जनप्रतिनिधियों को पूरी तत्परता से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहिए।

हमें घेरने के लिए रस्सी बांध दे विपक्ष बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सदन में सवाल और जवाब दोनों आते हैं। विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से सदन का संचालन होता है।

विपक्ष द्वारा सत्ता पक्ष को घेरने संबंधी सवाल पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष रस्सी लेकर आए और सरकार को बांध दें। सरकार सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है।

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