व्यापार

सरकारी खजाने को बड़ी राहत, 12 से घटकर 3 फीसदी पर आया राजकोषीय घाटा

केंद्र सरकार की तरफ से जून माह के अंतिम शुक्रवार को कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े जारी किये गए हैं जो देश की इकोनॉमी की दिशा व दशा पर प्रकाश डालते हैं। मई में देश के आठ अहम बुनियादी उद्योगों की विकास दर 6.3 प्रतिशत रही। यह अप्रैल में दर्ज 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर से कम है। सीमेंट, कच्चे तेल और उर्वरक के उत्पादन में गिरावट आई है जो सरकार के लिए चिंता की बात हो सकती है। देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों (कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी, उर्वरक, स्टील, सीमेंट व बिजली) की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है।

एक अन्य आंकड़ा सरकार के खर्च और व्यय से जुड़ा है, जिसके आधार पर राजकोषीय संतुलन की स्थिति का पता चलता है। इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 के पहले दो महीनों में राजकोषीय घाटा सिर्फ तीन प्रतिशत रहा। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस समयावधि में आम चुनाव की वजह से सरकार के खर्च पर कई तरह के अंकुश रहते हैं। यह घाटे के कम स्तर की एक बड़ी वजह है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में राजकोषीय घाटे का स्तर 11.8 प्रतिशत था।

वैसे इस पूरे वर्ष के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश करते हुए 5.1 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा था। तीन हफ्ते बाद वित्त मंत्री पूरे साल का बजट पेश करेंगी और कई विशेषज्ञ मानते हैं कि वह पूर्व निर्धारित लक्ष्य का स्तर घटा सकती हैं। अप्रैल-मई, 2024 में सरकार का कुल कर संग्रह 3.19 लाख करोड़ रुपये की रही है जबकि कुल खर्चे 6.23 लाख करोड़ रुपये का था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button