धर्म

महाकुंभ के दौरान घर बैठे कर सकते हैं कल्पवास? जानें क्या कहते हैं हमारे शास्त्र और पुराण

महाकुंभ में दुनियाभर से लोग संगम में डुबकी लगाने आते हैं. प्रयागराज महाकुंभ के पहले दिन अमृत स्नान में करोड़ों श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान कर पुण्य प्राप्त किया. वहीं इस दौरान बड़ी संख्या में लोग कल्पवास व्रत भी रखते हैं. बाताया जाता है कि माघ महीने में कल्पवास करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है लेकिन यह एक महीने की कठोर तपस्या और साधना होती है. वहीं कल्पवास क्यों किया जाता है क्या है इसे करने का कारण, इसके बारे में पंडित रमाकांत मिश्रा से विस्तार से जानते हैं और यह भी जानेंगे कि क्या घर पर रहकर भी कल्पवास किया जा सकता है.

क्या है कल्पवास करने का कारण
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ में हजारों की संख्या में लोग कल्पवास करने आते हैं. कल्पवास करने वाले लोगों का मकसद सिर्फ एक होता है, वो हे आत्मा की शुद्धि और परमात्मा के करीब जाना. इसके लिए लोग माघ का पवित्र महीना या महाकुंभ का समय चुनते हैं. लेकिन कई लोग इस अवस्था में रहते हैं कि उनके लिए इन दिनों में जाकर कल्पवास करना मुश्किल होता है और वे चाहकर भी नहीं जा पाते, तो ऐसे में उनके मन में सवाल होता है कि क्या महाकुंभ या माघ मेले के दौरान घर पर रहकर कल्पवास किया जा सकता है.

क्या घर पर किया जा सकता है कल्पवास?
वैसे तो कल्पवास सिर्फ महाकुंभ क्षेत्र या किसी पवित्र नदी के किनारे ही किया जा सकता है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति महाकुंभ क्षेत्र तक जाने में समर्थ नहीं है तो ऐसे में घर में कल्पवास जैसा जीवन जीने की कोशिश की जा सकती है, लेकिन कल्पवास के नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है. लेकिन घर पर कल्पवास करने में बहुत कठिनाईयां आती हैं क्योंकि कल्पवास के नियम बहुत ही कठोर होते हैं, जिनका पालन घर में करना संभव नहीं हो पाता.

ये रहे घर में कल्पवास जैसा जीवन जीने के नियम

– अगर कोई भी व्यक्ति घर पर कल्पवास जैसा जीवन जीना चाहता है तो उसे सबसे पहले जल्दी उठकर गंगाजल मिलाकर जल से स्नान करना चाहिए.

– इसके बाद नियमित रुप से पूजा-पाठ, ध्यान और भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए.

– कल्पवास के दौरान सिर्फ सात्विक और शुद्धता से बना भोजन करना चाहिए.

– जब आप कल्पवास का पालन कर रहे हैं तो आपको मन में बुरे विचारों को त्यागकर धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना चाहिए.

– इस दौरान जरूरतमंदों की सेवा करें और उन्हें सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य करें.

– कल्पवास के दौरान अनुशासन में रहें व जितना हो सके मौन व्रत का पालन करें.

– इस दौरान भौतिक सुख-सुविधाओं से दूरी बनाकर रखें.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button