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बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की सफलता के बाद भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच अधिक टेस्ट मैचों की संभावना

Border-Gavaskar Trophy: हाल ही में खत्म हुई भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी ने जोरदार सफलता हासिल की. इस सीरीज को टीम इंडिया ने 1-3 से गंवा दिया लेकिन ऑस्ट्रेलिया में हुई बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की सफलता को देखते हुए अब भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ICC के साथ मिलकर टेस्ट क्रिकेट को बदलने के मूड में है. ICC चेयरमैन जय शाह ने भी इसके लिए कमर कस ली है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अब भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया एक दूसरे से ज्यादा से ज्यादा टेस्ट मैच खेल सकते हैं. हालांकि इस तरह का बदलाव 2027 के बाद ही देखने को मिलेगा.

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की तरह और ब्लॉकबस्टर सीरीज की मांग
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की सीधी सी चाहत है कि जिस तरह से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई. ये बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी ब्लॉकबस्टर साबित हुई उसी तरह से भारत और इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच भी टेस्ट मैचों का जादू देखने को मिले. हालांकि इसके लिए आपस में अधिक से अधिक मैच खेलने की जरूरत है. अभी भी तीनों देशों के बीच टेस्ट मैच होते हैं लेकिन लंबे समय के अंतराल के बाद. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ICC के एजेंडे में टेस्ट क्रिकेट के लिए दो स्तरीय संरचना (2 टीयर स्ट्रक्चर) शामिल है. लेकिन इसे फ्यूचर टूर प्रोग्राम (एफटीपी) 2027 के बाद लागू किया जाएगा.

जय शाह कर सकते हैं मीटिंग
इस मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के चेयरमैन माइक बैर्ड और इंग्लैड क्रिकेट बोर्ड के चीफ रिचर्ड थॉम्पसन जनवरी के अंत में ICC चेयरमैन जय शाह से मुलाकात कर सकते हैं. भारत के पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री भी ICC के इस एजेंडे के समर्थन में है. उन्होंने भारत और ऑस्ट्रेलिया के सिडनी टेस्ट के दौरान एसईएन से बात करते हुए कहा था, 'यदि आप चाहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट जीवित रहे और जीवंत और समृद्ध हो, तो मुझे लगता है कि यही रास्ता है. टॉप टीमें एक-दूसरे के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा खेलें. इनमें वाकई में प्रतियोगिता होती है, जो आप चाहते हैं'.

सबसे ज्यादा देखी गई भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (2024-25) कथित तौर पर ऑस्ट्रेलिया में अब तक की सबसे ज्यादा देखी गई टेस्ट सीरीज है. हर मैच के दौरान दर्शकों ने रिकॉर्ड उपस्थिति दर्ज कराई थी. पर्थ-ब्रिसबेन से लेकर मेलबर्न-सिडनी तक हर मैच में दर्शकों का हुजूम देखने को मिला.

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