राजनीती

नीतीश कुमार ने शुरु की प्रगति यात्रा, भाजपा नेता रहे नदारद……….क्या बिहार में खेला होना बाकी 

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा शुरू कर दी है। सोमवार से शुरु हुई यह यात्रा वाल्मीकि नगर से शुरू होकर पूर्वी चंपारण के मोतिहारी तक जाएगी। यात्रा में जेडीयू के कई मंत्री और विधायक शामिल हुए, लेकिन बीजेपी के नेता नदराद रहे। इससे दोनों दलों के बीच बढ़ती दूरियों को लेकर चर्चा हैं। यात्रा के दौरान नीतीश कुमार विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा और नए प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन या शिलान्यास भी करने वाले है। सरकारी निर्देशों के अनुसार, सिर्फ जिले के प्रभारी मंत्री और संबंधित जिले के स्थानीय मंत्री ही यात्रा में शामिल हो सकते हैं, बाकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ने वाले है। 
यात्रा में नीतीश के साथ जेडीयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद रहे। पटना एयरपोर्ट से वाल्मीकि नगर के लिए रवाना होने से पहले नीतीश का जेडीयू कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। हालांकि, यात्रा में बीजेपी नेताओं की गैरमौजूदगी साफ दिखाई दी, जिससे राजनीतिक गलियारों में कयासों का बाजार गर्म है।
नीतीश की प्रगति यात्रा के मौके पर उनके साथ जेडीयू कोटे के मंत्री विजय चौधरी, श्रवण कुमार, रत्नेश सदा, मदन सहनी और जयंत राज मौजूद थे। लेकिन बीजेपी के किसी भी मंत्री ने एयरपोर्ट पर नीतीश कुमार को विदा नहीं किया। इतना ही नहीं दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी यात्रा में शामिल नहीं हुए। दोनों वर्तमान में दिल्ली में हैं। वहीं, बीजेपी नेताओं की अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को हवा दे दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जदयू और बीजेपी के रिश्तों में खटास आ गई है।
बता दें कि प्रगति यात्रा का पहला पड़ाव वाल्मीकि नगर है, जहां नीतीश ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का जायजा लिया। वाल्मीकि नगर में रात्रि विश्राम के बाद, मंगलवार को यात्रा पूर्वी चंपारण के मोतिहारी पहुंचेगी। मोतिहारी में भी नीतीश कई कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद पटना लौट आएंगे। हैरान करने वाली बात ये है कि बगहा में भी बीजेपी के नेता नजर नहीं आए। इसके सवाल उठता है कि बिहार एनडीए में सब ठीक है या यह यात्रा जेडीयू की है?

यात्रा में कौन-कौन हो सकता है शामिल
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने 22 दिसंबर को सभी अपर मुख्य सचिवों और सचिवों को एक पत्र लिखा था। पत्र में निर्देश दिए गए थे कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में केवल संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री और उस जिले के निवासी मंत्री ही शामिल हो सकते हैं। अन्य मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में भाग ले सकते हैं। इसके अलावा, नौ विभागों के सचिव-शिक्षा, राजस्व एवं भूमि सुधार, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सहकारिता और ग्रामीण विकास भी बैठक में मौजूद रहे।

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