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मुजफ्फरपुर RPF ने नकली रेल टिकट बेचने वाले चार ठगों को गिरफ्तार किया, 135 मुहर बरामद

मुजफ्फरपुर: बिहार में मुजफ्फरपुर RPF ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार शातिर ठगों को दबोचा है. मुजफ्फरपुर RPF ने मास्टरमाइंड सहित चार ठगों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक सभी ठग नकली रेल टिकट बनाकर रेलवे को चूना लगा रहे थे. ठग रेलवे टिकटों में छेड़छाड़ कर यात्रियों को ठगते थे. दो साल से ये लोग कम दूरी के जनरल टिकट में हेरफेर करके लंबी दूरी के टिकट बनाकर बेच रहे थे. मुजफ्फरपुर RPF ने इनके पास से 30 असली और टेंपरिंग किए हुए जनरल टिकट बरामद किए गए.

अधिकतर टिकट मुजफ्फरपुर से बेंगलुरु के थे. पूछताछ में मास्टरमाइंड सरगना से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. ये लोग 10 रुपये के सामान्य टिकटों को खरीदते थे और फिर उनकी जानकारी को बदलने के लिए टिकट पर खुरच कर, एक छोटी सी मुहर से स्टेशनों, दूरी और किराया की जानकारी भरते थे. बाद में इन्हीं टिकटों को 400 रुपये तक में बेच दिया करते थे. मुजफ्फरपुर RPF ने गिरफ्तार शातिरों के पास से 135 मुहर बरामद किए हैं, जिन पर स्टेशनों के नाम, दूरी और किराया लिखा हुआ था. गिरफ्तार लोगों में मुजफ्फरपुर के उमेश साहनी, दशरथ साहनी,संतोष शाह और वैशाली के बिगु राम शामिल हैं.

RPF इंस्पेक्टर मनीष कुमार ने बताया कि धोखाधड़ी का कारोबार पिछले दो सालों से अहमदाबाद, मुगलसराय, दरभंगा, बरौनी, पटना, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशनों पर इसका जाल फैला हुआ है. इस धोखाधड़ी से रेलवे को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा था और फर्जी टिकट पर यात्रा करने वालों को जुर्माना भी भरना पड़ता था. RPF ने बताया कि ये लोग रोजाना 150 से 200 टिकटों में हेरफेर करते थे.

RPF काफी समय से इनकी तलाश कर रही थी यह शातिर लोग कम दूरी के जनरल टिकट खरीदते थे. ऐसे मुजफ्फरपुर से तुर्की,या काटी का टिकट जिसकी कीमत ₹10 से कम होती. यह नकली टिकट यात्रियों को असली किराए से ₹20 से ₹25 कम में बेचते थे. RPF यह पता लगाने की कोशिश कर रही है इसमें कौन-कौन लोग शामिल है. RPF की पूछताछ में गिरफ्तार शातिरों ने बताया कि वे लोग शाम में पटना पहुंचते हैं वह स्टेशन रोड स्थित किसी भी होटल में एक कम दाम का कमरा लेते हैं फिर जंक्शन जाकर कई बार में कम दूरी के जनरल टिकट खरीदते थे और फिर होटल के कमरे में आते हैं एक केमिकल से पहले छपा टिकट का अक्षर मिटाते हैं फिर माइक्रो मुहर का इस्तेमाल कर टिकट के साथ टेंपरिंग कर दूसरे दूसरे स्टेशनों का टिकट बनाते थे.

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