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हाईकोर्ट ने साजी चेरियन के खिलाफ दिए जांच के आदेश, संविधान अपमान मामला फिर गर्माया

केरल की हाईकोर्ट ने मंत्री साजी चेरियन की संविधान का अपमान करने वाली कथित टिप्पणी की जांच के आदेश दिए। हाईकोर्ट ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया, जिसमें मंत्री को क्लीन चिट दी गई थी। साथ ही कोर्ट ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को भी खारिज कर दिया, जिसमें पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया था।

कोर्ट ने कहा कि शुरुआती जांच में कमियां पाई गईं। जांच जल्दबाजी में पूरी की गई। ऐसे में पुलिस की अपराध शाखा इसकी फिर से जांच करे। अदालत का यह आदेश मामले में जांच जारी रखने के अनुरोध वाली याचिका पर आया है।

कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस ने गुरुवार को राज्य अपराध शाखा को सीपीआई (एम) विधायक और सरकार में मत्स्य पालन, संस्कृति और युवा मामलों के राज्य मंत्री की टिप्पणियों की जांच करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा, 'न्यायालय ने पहले ही पाया है कि आगे की जांच की आवश्यकता है। चूंकि आरोपी राज्य का मंत्री है, इसलिए इस न्यायालय का मानना है कि स्टेशन हाउस अधिकारी की जांच पर्याप्त नहीं होगी। इसलिए आगे की जांच राज्य अपराध शाखा को करनी चाहिए। राज्य पुलिस प्रमुख तुरंत जांच का नेतृत्व करने के लिए एक ईमानदार अधिकारी के साथ जांच को राज्य अपराध शाखा को सौंपने का आदेश पारित करें। जांच बिना किसी अनावश्यक देरी के पूरी की जानी चाहिए।'

क्या है मामला?
2022 में चेरियन ने खुद को उस वक्त विवादों में घिरा पाया, जब उन्होंने कहा कि भारत के संविधान का इस्तेमाल आम लोगों का शोषण करने के लिए किया जाता है। एक पार्टी कार्यक्रम में दिए गए उनके भाषण ने इतना विवाद खड़ा कर दिया था कि विधायक को मत्स्य पालन, संस्कृति और युवा मामलों के राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। दिसंबर 2022 में हाईकोर्ट ने विधायक के रूप में उनकी अयोग्यता की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद 2023 में काफी हंगामे के बीच उन्हें पद पर बहाल कर दिया गया।

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