शादी नहीं हो रही या बार-बार टूट रहा रिश्ता? ज्योतिषी से जानें सटीक समाधान; जल्द बज उठेगी शहनाई
देवउठनी एकादशी के बाद शादी विवाह की शुरुआत हो चुकी है. गांव, शहर, कस्बा में शादी की शहनाई बजनी शुरु हो गयी है. वहीं कई युवक युवतियां ऐसे हैं जिनकी शादी विवाह में लगातार अड़चन पैदा हो रही है. रिश्ते लगने के बाद भी बार बार टूट जाते हैं. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह दोष बन जाते हैं जो विवाह में देरी का कारण बनते हैं, लेकिन इस दोष से छुटकारा पाने के लिए ज्योतिषशास्त्र में उपाय भी है. किन दोष के कारण विवाह में बाधा उत्पन्न होती है और क्या उपाय करने चाहिए आइए जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से?
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि कुंडली में अगर क्रूरक ग्रह की महादशा प्रारम्भ हो जाए या फिर कुंडली के सप्तम स्थान में शनि या मंगल बैठा हो, साथ ही शनि और मंगल की कुदृष्टि पड़ रही हो तो जातक के शादी विवाह में बाधा उत्पन्न होती है. कुंडली के सांतवे घर में चन्द्रमा, गुरु या शुक्र आ जाये तो भी शादी में समस्या उत्पन्न होती है. इसके साथ ही जब राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाए तो इससे कालसर्प दोष बनता है और ये दोष से भी शादी में समस्या उत्पन्न होती है. इसके साथ ही कुंडली में शुक्र दोष होने की वजह से भी विवाह में समस्या उत्पन्न होती है.
शादी में आ रही है बाधा तो क्या करें उपाय
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि कुंडली में कई दोष के कारण शादी विवाह में बाधा उत्पन्न होती है, इससे बचने के लिए कुंडली में ग्रहों की पावर देखी जाती है. किस ग्रह के कारण या फिर किस दोष के कारण विवाह में बाधा आ रही है. ग्रह को शांत या दोष समाप्त करने के लिए ज्योतिष जी की सलाह पर पूजा- पाठ,हवन इत्यादि कराया जाता है. भगवान बजरंगबली की पूजा कर चोला चढ़ाया जाता है. मां दुर्गा की पूजा आराधना की जाती है. वहीं अगर समय पर उपाय कर लें तो शादी निश्चित तय हो जाती है और सारी बाधा समाप्त हो जाती है.